तन्हाई - Dinantika Jha

तन्हाई

तन्हाई तन्हाई तन्हाई बस तन्हाई

कोई हो न हो साथ होती है तन्हाई

हर ज़ू खामोशी कायम होती है और महसूस होती है तन्हाई

हर कोशिश नाकाम नज़र आती है

जब दिल में घर कर जाती है तन्हाई

जब दिल परेशान और मजबूर हो

तो ढूंढता है तन्हाई

घेर लेती है किसी के यादों के साये

जब आस पास होती है तन्हाई

नम आंखों से आंसू जब छलक न पाए

तो ढूढ़ती है तनहाई

जब ज़िन्दगी ग़म के अंधेरे में खो जाए

और कोई दोस्त साथ न आए

तो साथ देती है तन्हाई

गर मौथ भी आए तो साथ होती है तन्हाई

तन्हाई तन्हाई तन्हाई बस तनहाई

कोई हो न हो साथ होती है तन्हाई