कामियाबी | Shreya Kanp

अभी वक्त चाहे जैसा भी हो

वह तो जरूर बदलेगा

सपने तुम दखते रहो

और मेहनत भी करते रहो

क्योंकि किस्मत का पन्ना तो जरूर पलटेगा

हां,अभी मुश्किलें बहुत सी हैं

पर हौसला अपना बुलंद कर

क्योंकि झुक जाएगा वह परवत भी

तुम खड़े होगे जिसके ऊपर

यह आंधी तूफान भी जरूर रुकेगा

और सूरज की किरणे भी दिखेंगी

तू बस अपने आप में विश्वास रख

क्या पता यह तूफान ही

जिंदगी में नई सुबह लाएगा

कही खामोशी तुम्हारी बेबसी न बने

उसको अपनी ताकत बनाओ

कामियाब इतने बनो की

तुम नहीं , दुनिया उसकी जश्न मनाए।