"चुप्पी"- Shweta Ghorawat

हाँ चुप रहती हूं मगर मेरे अंदर मेरा शोर बोलता है

जो पूछना चाहता है कई सवाल और मांगना चाहता है कई जवाब

मेरी चुप्पी को मेरी कमजोरी ना समझ लेना

ये भूल गलती से भी मत कर लेना

अगर पढ़ना चाहो मुझे तो मेरी आँखे पड़ लेना

अगर समझ ना चाहो मुझे तो मेरी खामोशी समझ लेना

मैं लड़की हु बेपरदा

हाँ मैं भी गिरी हूं मैं भी टूटी हूं।

पर हू मैं किसी का हौसला तो किसी की उम्मीद

जो चाहती लोगो के होठों पे तो बस मुस्कान है

मैं वो मुसाफिर हू जो इंसानियत के बीज बोये चलता है

मैं वो कलम हु जो लाखो दिये रोशन किये करता है

मैं अपने किरदार से एक छाप छोड़े चलती हूँ

हाँ चुप रहती हूं मगर मेरे अंदर मेरा शोर बोलता है