जो फटी कमीज में सोता है वो पिता होता है,
जो सोते हुए चिंताओका दरवाज़ा खटखटाता है वो पिता होता है,
जो अपनी इच्छा मार कर परिवार की इच्छाएं पूरी करता है वो पिता होता है,
जो एक टुकडे का दो बाटकार खाता है वो पिता होता है,
जो समंदर जैसे पानी में अपने बच्चों को उतरने का हौंसला देता है वो पिता होता है,
जो दर-दर पैसे के लिए भटकता है वो पिता होता है,
कुछ न मिले पर भी हस देता है,
और कुछ मिले तो बांट देता है,
ख़ुशियाँ और गम अपनी कमीज़ में निचोड़ देता है वो पिता होता है,
जो तुम्हारी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए दुनिया की गलियां खाता है वो पिता होता है,
जो जीते जी आपने ख्वाबों का गला घोंटकर तुम्हें उड़ानें का हौसला देता है वो पिता होता है,
जो हर चिंता को दिमाग में धोकर तुम्हारी हंसी देखना चाहता है वो पिता होता है,
जो तुम्हें गले लगाकार रोने का ख़्वाब देखता है वो पिता होता है,
दुनिया भले ही उसके इन सारे कामों से अंजन हो पर जो दिल और दिमाग़ से काम लेता है वो पिता होता है!!