गांधी - एक विचारधारा
गांधी एक मूरत नहीं
झलकती हुई कोई सूरत नहीं,
गांधी एक व्यक्तित्व की ज़रूरत है I
गांधी एक सितारा नहीं,
शब्दों के मेल का कोई नारा नहीं,
गांधी एक विचारधारा है I
गांधी सोच की गागर नहीं,
कुछ ख्यालों की चादर नहीं,
गांधी विचारों का सागर है I
गांधी लाठी में , चश्मे में , चरखे में नहीं,
अक्षरों से सम्मलहित किताबों में नहीं,