तू यूँ जो साथ छोड़ गया
तू यूँ जो साथ छोड़ गया छोटे, घर आँगन सूना लगता है,
साँसें चलती है मगर धड़कन सुना लगता है
छोटे -इस मान पे मेरा बस नहीं,
जब देखो तुझे वापस बुलाने निकलता है,
तू हर बार मरे नाराज़ सवालो का एक मुस्कान से जवाब दे देता है
अब तू वापस नहीं आएगा छोटे, दिल इस बात को स्वीकार नहीं करता है
तू यूँ जो साथ छोड़ गया छोटे, मेरा जीवन सूना लगता है,
छोटे -मेरे रूह का हर एक अंश तेरी आहट ढूंढता रहता है
समय के विपरीत वह हर पल टूटता रहता है
दुनिया जैसे सिमट गए, तेरे बिना सब व्यर्थ प्रतीत होता है
चौखट वही, दरवाज़े वही, फिर भी साब बेगाना लगता है
क्यों छोड़ गया छोटे, मान इस जवाब मैं भटकता रहता है
तेरी आवाज़ गूंजती है मगर, येह तेरे दीदार को तरसता है
तू यूँ जो साथ छोड़ गया छोटे, तेरे न होने का खालीपन हार पाल खटकता है .
तेरे बिन आगे का सफर कैसे तै करू छोटे, तेरे सहारे बिन, संसार सूना लगता है
आब याहाँ से कहाँ जाओ छोटे तेरे बिन हर पल अधूरा लगता है
तू यूँ जो साथ छोड़ गया छोटे, घर आँगन सूना लगता है.....
तू यूँ जो साथ छोड़ गया छोटे मान बैरागी बना फिरता है