अनकही बाते | Dhriti Modi

THE FOLLOWING POEM WAS SELECTED IN WINGWORD POETRY PRIZE 2023 LONGLIST.

उससे मै बोहोत प्रेम करती थी

लेकिन वो यह बात नहीं जानता था

उस कागज़ को यह बात पता थी

की मेरी कलम, उस इंसान को मुझसे

ज्यादा चाहती है

तो उस बेमान कागज़ ने वो

सारे शब्द जो उस के लिए

बने थे उन्हें

अपने आप मै समां लिए,

अब तो वो बस एक याद बन के

रह गयी

अब वो बाते कई अनसुनी सी हो गयी

और मै उस कागज़ में खो सी गयी II