जन्म | Naveen Jakhu

THE FOLLOWING POEM WAS SELECTED IN WINGWORD POETRY PRIZE 2023 LONGLIST.

जब जन्म हुआ

गोद में हम उठाए गए

प्यार में आंखें नम हुई

खुशी के आँसू बहाए गए

कब तक माँ का आंचल रहता

धीरे धीरे बेदर्दी दुनिया में लाए गए

सच्चाई की छाप ले सीने पे चला

इतना गम इस दुनिया ने दिया

कभी रोते हुए, कभी सहमे हुए हम पाए गए

कोई हाथ पकड़ कभी लगता था पार

कभी सर पकड़कर डुबाए गए

कभी दुनिया के ताने बहादुरी से सहे

कभी लगा कि जिस्म से दूर साए गए

जब कभी भी सच बोलने की हिम्मत की

डरा दमका के नंगे पाव दौड़ाए गए

कभी सच बोलने की सजा पाई

कभी कभी सहलाए गए

हम नए थे इस दुनिया में

कभी हमारा इस्तेमाल हुआ

कभी भगवान द्वारा बचाए गए

धीरे धीरे सुन ना सीखा

धीरे धीरे कुछ बोल पाय

कभी कविताएं मन में बनी

फ़िर काग़ज़ पर शेयर लिखवाए गए