थामे हाथ..हमेशा साथ..
तुमने ही चलना सिखाया..
हुई कोई भी तकलीफ..
तुमने ही लङना सिखाया..
आए जब भी आंखों में आँसू..
तुमने ही हँसना सिखाया..
गलतियां हुई जब भी हमसे..
तुमने उसे सुधारना सिखाया..
जब कभी गिर पङे हम..
तुमने ही संभलना सिखाया..
जब भी भूले राह हम..
सही दिशा तुमने दिखाया..
चाहतें जो भी थी..
तुमने पूरी की हमारी..
रातों को जब नींद नहीं आई..
गोद में तुमने सुलाया..
जब हुए हम खुद से नाराज..
विश्वास करना तुमने सिखाया..
मज़ाक बनाया जब किसी ने..
जवाब देना तुमने सिखाया..
जब रिश्तों को समझ ना पाए हम..
उसे संभालना तुमने सिखाया..
जब मन हुआ उदास..
चीयर्स करना तुमने सिखाया..
जब डर से हुआ रूबरू..
सामना करना तुमने सिखाया..
जब गैरों से हुआ सामना..
उनको अपना बनाना तुमने सिखाया..
सपना जब हमने देखा..
उसे जीतना तुमने सिखाया..
कदमों में है तेरे..
मेरा पूरा जहान..
दिल में हो तुम जहाँ..
भगवान भी नहीं वहाँ..
कह दे कभी हमसे भी ये कोई..
खुशकिस्मत हमारे जैसा ना होगा कोई..
कह दूँ..कुछ भी मगर..
तेरे लिए..होगा वो कम..