लड़की होना कोई पाप नहीं,
ये किसी पर कोई श्राप नहीं,
इंसान है वो भी, कोइ बोझ नहीं,
सपने उसके भी तो हैं, बस उन सपनों का कोई मोल नहीं,
जिंदगी तो उसकी भी है, पर उस जिंदगी पर उसका ही कोई ज़ोर नहीं |
कुछ को जन्म लेते ही म्रत्यु उपहार मिली,
तो किसी ने पूरी जिंदगी चूल्हा-चौका और शादी बस यही जिंदगी है,
ये हर दिशा से आती आवाज सुनी |
बैठी है इस काल कोठरी में, और बस देखे जाए उस झरोखे को इस आस में की कहीं से तो उम्मीद की किरण बरसे,
अपनी गीली पलकें और सूजी आंखें लेकर बस वो सोचे,
कि क्यूँ बापू जी,
मैं तुम्हें हमेशा ही परायी लगी ?
क्यूँ बापूजी,
मैं तुम्हें बस तुम्हारे कांधे पर लधा बोझ लगी ?
क्यूँ बापूजी,
तुम्हारे भी कान में इस समाज की ही आवाज पडी?
कैसे तुम्हें तुम्हारी बिटिया की सिसकियों और आँखों में भरे आसुओं में दर्द से भरे सैलाब की खबर तक नहीं लगी?
ऐसा भी क्या हुआ बापूजी
जो तुम्हारी खुद की सन्तान से भी पहले तुम्हें हमेशा से दूसरों की ही चिंता लगी |
शादी बियाह की क्यूँ तुम्हें इतनी फिक्र लगी
जरा सोचो तो, जो एक बार गई तो किसको ख़बर वापस लौट पाऊँगी भी या नहीं |
क्यूँ बापूजी तुम्हें खुद से दूर करने की मुझे है इतनी जल्दी लगी?
क्यूँ मैं इस डोली को अपने सपनों की अर्थी बनाऊं |
जन्म दिया है तो लड़ना सिखाओ
सुनानी है तो झाँसी की रानी, इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा जैसे वीर योद्धाओं की कहानियाँ सुनाओ
ये मासूम गुड़िया बनाकर मेरी इच्छाओं और मेरे सपनों का शोषण ना कराओ |
दुनिया जैसे भी है, पर तुम तो मुझे और मेरे संपूर्ण व्यक्तित्व को अपनाओ,
शादी की महत्वता को मैं समझती हूं, पर मेरी सोच, मेरे नजरिये, मेरी ख्वाहिशों को समझने का बड़प्पन तुम भी तो दिखाओ |
लड़की कोई भी कमज़ोर नहीं, उसमें काली की ज्वाला है,
पुरुष प्रधान देश कैसे हुआ जब हर सैनिक तक का "भारत माता की जय" ये नारा है |