वो चिड़िया जो चहचहा रही है न....
कुछ तो बतला रही है।
बाबुल की चिड़िया ही तो थी न .....
शायद यही याद दिला रही है।।
कहाँ गुम हो गई तुम,
कब से पूछे जा रही है.....
वहाँ दूर मुझे मेरे आसमां की ऊंचाई दिखा रही है।
चलो न इक बार उड़ चलो मेरे साथ...
जाने कब से मुझे मना रही है।।
कर लिया है वादा उससे कि उड़ना तो है बाबुल की चिड़िया को....
बस थोड़ी सी हिम्मत और जुटा रही है।
वो चिड़िया जो चहचहा रही है न.....
कुछ तो बतला रही है।।