वह आखरी ख्वाइश।
मां की गोद, वह घर का सुकून,
माना मुश्किल से भूल पाऊंगा मैं;
पर आन सदा मेरे देश की,
हद से ज्यादा बढ़ाऊंगा मैं।
यही सोच कई साल पहले,
घर से कफ़न बांधे निकला था मैं;
निकलते हुए मां के आंसू देखे,
फिर भी ना पिघला था मैं।
आज मेरी खाकी पर यह खून,
मेरी सांसो को गिनते जा रहा है;
सुकून की नींद में जाते हुए,
बस एक ही ख़याल आ रहा है।
काश किसी तरह आज यह सैनिक बच जाए,
काश आज ऊपर वाला कोई चमत्कार रच जाए;
ना ना! जिंदगी की मुझे कोई लालसा नहीं,
और फिर ऐसी मौत तो हर सिपाही का गहना है;
पर मैं फिर से जीना चाहता हूं,
क्योंकि मुझे फिर से अपनी धरती के लिए मरना है।
एक बार और, अपने देश के लिए बलिदान देना है,
एक बार और, राष्ट्रगान पर सीना तान लेना है;
एक बार और, मुझे अपने तिरंगे को सलाम करना है,
एक बार और, सीमा पर मुझे हर एक दुश्मन से लड़ना है।
ऐ मां, आज मर जाना क्या मेरे साथ नाइंसाफी नहीं?
तू भी जानती है,
ऐसे गौरव के लिए एक बार मरना काफ़ी नहीं।
यह गोली भी कमबख्त सीने पर ही लगी है,
अब नजर भी धुंधली सी पड़ने लगी है।
दर्द सीने पर इस गोली का,
शायद यूही ना सह पाऊंगा मैं;
पर गर्व है मुझे इस बात का,
अपने तिरंगे में लिपटा जाऊंगा मैं।
उस सूरज के साथ आज मैं भी डूब जाऊंगा,
मेरी मां बेचारी यह सोचती होगी, मैं कल उसके पास लौट आऊंगा।
ओ उसका नाजुक सा दिल,
मेरी खबर से शायद टूट जाएगा,
वह उसके आंसुओं का फव्वारा,
उसकी आंखों से छूट जाएगा।
ऐ प्यारे चांद, बस मेरा एक संदेश ले जा,
वह दूर उन पहाड़ों के पार, एक छोटा गांव है मेरा
एक पीपल के पेड़ के पास,
मेरी मां बैठी होगी लगाए आस।
सुबह होने से पहले कृपया उसे यह बता दे,
कि बिना उसे देखे मुझे जाना पड़ रहा है;
यह मेरा उसके आंचल को धोखा नहीं,
उससे मिलन को मेरा जी भी तड़प रहा है।
एक बार और उस खीर के प्याले पर बहन से मुझे लड़ना था,
एक बार और चैस की चाल पर बाबा के सामने अढ़ना था।
ऐ मां! तू रोना मत, तेरा बेटा मरा नहीं 'शहीद' हुआ है,
दुख के आंसू नहीं, गौरव की मुस्कान के साथ कहना; तूने सच में एक वीर को जन्म दिया है!
बस अब इसी आखरी ख्वाहिश के साथ,
मेरी मिट्टी में मिल जाऊंगा मैं;
कि फिर से इसी पावन धरती की कोख से,
जन्म लेने का सौभाग्य पाऊंगा मैं।
एक बार फिर से यह वतन परस्त सिपाही,
अपनी धरती मां को प्रेम से यह तोहफा देगा;
वादा है, तेरी हिफाजत के लिए मां,
तेरा यह बेटा फिर से यही जन्म लेगा….
तेरा यह बेटा फिर से यही जन्म लेगा….