कौन हूं मैं?
क्या वो जिसे एक मां ने जन्म दिया है,
जिसे यहां के बटवारों की खबर नहीं
जो इस दुनिया में "जीने" आई है
रोते हुए,
पर हसने के लिए।
या फिर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, वो.. आपस में हैं भाई भाई।
इनमें से कोई हूं
कौन हूं मैं?
वो जिसे मंदिर जाकर पूजा करनी चाहिए
दरगाह में मत्था टेकना शोभा नहीं देता,
कौ़म के खिलाफ जाओगे?
Male हूं, female हूं, या from LGBTQ+
कौन हूं मैं?
लोग कहते हैं, Romantic relation सिर्फ opposite gender में होते हैं,
In same gender, ये तो यहां पाप है।
लड़की हुं तो रात को अकेले बाहर कैसे निकल सकती हूं
लड़का हूं तो घर बैठ कर घर के काम
खानदान की नाक कटानी है?
संस्कारी लड़की हूं या वो,
लड़कों के साथ घूमने फिरने वाली
ओह, तो आवारा हूं मैं
कौन हूं मैं?
बेटी हूं, बहू हूं तो कुछ नियम कानून हैं
अपनी जिंदगी के अहम फैसले खुद नहीं ले सकती।
बेटा हूं, पति हूं तो घर का सारा ज़िम्मा सिर्फ मेरे कंधो पर
वरना मर्दानगी, कम नई हो जाएगी?
डॉक्टर हूं, इंजीनियर हूं, या CA
हम एक reputed society में रहते हैं
Profession भी reputed होना चाहिए।
या मैं एक मामूली कलाकार हूं
जो इन रंगो में डूबा है।
कौन हूं मैं?
खैर आपके हिसाब से मैं जो भी हूं
पर इन सब के ऊपर,
मैं बस एक इंसान हूं
जो यहां "ख़ुश" रहने आया है
बस।