Mai ek beti hun | Garvita Jain

हर बेटी अच्छी नहीं होती ये मै समझती हूं,

पर हर बेटा अच्छा है ये भी तो मत कहो

अच्छे और बुरे में तो फर्क करना तुमने ही सिखाया है,

बस अब लडका लडकी में फर्क करना तो बंद करो

डर तो मुझे भी रात में अकेले सड़क पर चलते हुए लगता है,

क्योंकि मैं लड़की हूं इसलिए नहीं ,

क्योंकि मेरे आस पास शायद लड़के हैं जिन्हें किसी से डर नहीं लग रहा

बचपन से ही लड़कियों को डरा डरा कर बड़ा करते हैं की बाहर मत जाओ, अगर किसीने छेड़ दिया तो

ऐसे कपड़े मत पहनो, किसीने टच कर दिया तो

गाली मत दो, किसीने सुन लिया तो

लडको से ज्यादा बात मत करो, किसीने देख लिया तो

अकेले मत जाओ, किसीने किडनैप कर लिया तो

ज्यादा हस हस कर बात मत करो,

किसीने गलत समझ लिया तो

रात को बाहर मत निकलो, रेप (rape) हो गया तो

उनके मुताबिक आप कुछ मत करो सिर्फ शर्म का पल्लू ओडो और एक ऐसे बंदे से शादी कर लो जिससे आप ढंग से जानते नही पहचानते नही और चुप चाप मुंह बन्द कर लो

एक नौकरानी की तरह घर का सारा काम करो, उनके ताने सुनो फिर भी मुंह से चूं आवाज ना निकलो

ये सब ना भी हो पर जज करना नहीं छोड़ेंगे लोग

लड़की ज्यादा खूबसूरत हो तो पक्का उसका चक्कर चल रहा होगा

लड़की अच्छी नही दिखती तो अब इससे शादी कोन करेगा

ऐसे ताने सुन सुन कर तंग हो जाती हैं

फिर भी इग्नोर करना सीख ही जाती हैं

मैं अभी भी नही कहूंगी की सारे लड़के बुरे होते हैं

पर कोई ऐसा भी नही पता जो इतना अच्छा हो

कहते हैं कि लड़की के लिए सबसे बेस्ट कॉम्प्लीमेंट होता है जब उससे कोई कहे की आज तुम बिलकुल अपने पिता की परछाई लग रही हो पर मेरे लिए ये कॉम्प्लीमेंट नही एक इंसल्ट है और एक ऐसी चीज है जो मै कभी नही चाहती...

मेरा साया ऊं सा नहीं हो सकता।

नहीं....