फिर मिलेंगें | Kushal Narang

बीते हुए कल की यादें संजोए

फूल सा नाज़ुक मन जब रोये

तो प्यार से सहलाकर उससे बस यही कहना

कि ज़िन्दगी का नाम है चलते रहना

न जाने हम कितने लम्बे रस्ते चलेंगे

न जाने कौन सी मंज़िलों को पायेंगे

लेकिन बरसों बाद जब हम फिर मिलेंगें

तो आज के बारे में सोचकर मुस्कुरायेंगे

बीता हुआ कल तो बदल जायेगा

आज के ज़रिए आने वाला कल आयेगा

रह जायेंगी याद हमेशा वह सुबह, वह शाम

कुछ दोस्तों की बदमाशियाँ, कुछ दोस्तों के नाम..