अब आँसू ज़रा कम निकलते हैं | Neena Vivek

THE FOLLOWING POEM WAS SELECTED IN WINGWORD POETRY PRIZE 2023 LONGLIST.

अब आँसूं ज़रा कम निकलते हैं

अब दर्द ज़रा कम होता है

वो मोड़ भी चला जायेगा,

जब तू भी हमें कम याद आयेगा।

इस दर्द के दरिया में

हम गोते लगाना सीख रहे हैं,

तेरी यादों के भँवर से

बच कर निकलना सीख रहे हैं,

सैलाब को तो आना ही था

ये भी पल मे गुज़र जायेगा

वो मोड़ भी चला जायेगा,

जब तू भी हमें कम याद आयेगा।

तेज़ हवाओं का डर किसे है

हमें तो तूफ़ानों की आदत हो गयी है,

तेरे ग़म का दिल से शुकराना

हमारे दर्दों में बरकत सी हो गयी है,

लतीफों पर तो दुनिया हंसती है

ग़म में हँस के दिखाओ तो मज़ा आयेगा

वो मोड़ भी चला जायेगा,

जब तू भी हमें कम याद आयेगा।

बस तेरी मुझसे मोहब्बत की वजह मिल जाती

तो सुकून आ जाता

वो इश्क़ था या क्या था, ये बात समझ आती

तो सुकून आ जाता

आग़ाज़ पीछे रह गया, अब तो अंजाम आयेगा

वो मोड़ भी चला जायेगा,

जब तू भी हमें कम याद आयेगा।