अधूरा प्रेम | Suna Chettri

मिले थे उनसे तीन साल पहले,

उनके आंख और मुस्कान थे निराहले।

लगा कोही आए जीवन में,

जिसे अपना के सके।

कुछ नही पता था बारे में उसके,

फिर बी क्यों दिल ढूंढता था उसे ही।

किस्मत का खेल तो देखो,

जाना था कहा aur पौचे कहा।

सब ठीक था जीवन मैं,

खुश था आकला में।

लौट के फिर मुश्फिर आया,

पलबरका खुशाया साथ लाया।

सच्चा प्रेम का मतलब ही खोना हैं,

दो दिल मिलकर दूर होना है।

राधाथी मोहनके प्रेम में अधूरी,

में थी मुशारफीर के प्रेम में अधूरी।