एक दिन चला जाऊँगा
सफ़ेद चादर ओढ़ के।।
छोड़ जाऊँगा पीछे
बातें
यादें
क़िस्से
कहानियाँ
सब तेरे मेरे।।
रह जाएँगे पीछे
कुछ अल्फ़ाज़
ये ग़ज़ले
मेरे नग़मे
मेरे ये गीत।।
छूट जायेंगी पीछे
मेरी साँसे
मेरी धड़कने
मेरी आवाज़
मेरी सख़्शियत
सब तेरे दिल में।।
एक दिन चला जाऊँगा
वो सब छोड़ के
जो मेरा था ही नहीं
तुम्हें भी छोड़ के
कहीं दूर चला जाऊँगा।।
ले जाऊँगा
ये मेरी सुहानी रूह।।
एक दिन चला जाऊँगा
सफ़ेद चादर ओढ़ के।